Artificial parts of body and their success rate with the cost in details.

कृत्रिम अंग और उनके उपयोग, सफलता दर और लागत का विवरण| आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में कृत्रिम अंग (Artificial Parts) का उपयोग उन मरीजों के लिए किया जाता है जिनके शरीर के अंग किसी चोट, बीमारी या विकलांगता के कारण खराब हो गए हों। कृत्रिम अंग जैसे कृत्रिम हृदय, घुटना, कूल्हा, और हाथ-पैर की तकनीक में बड़ी प्रगति हुई है।

1. कृत्रिम हृदय (Artificial Heart): कृत्रिम हृदय एक यांत्रिक उपकरण है, जिसका इस्तेमाल हृदय के निचले कक्षों को बदलने के लिए किया जाता है. यह हृदय विफलता से पीड़ित मरीज़ों के लिए शरीर में रक्त संचार में मदद करता है. कृत्रिम हृदय को प्रत्यारोपित करने की सर्जरी हृदय प्रत्यारोपण की तरह ही जटिल होती है.

  • उपयोग: हृदय विफलता (Heart Failure) वाले मरीजों के लिए।
  • सफलता दर: शॉर्ट टर्म: 87% मरीज कृत्रिम हृदय के साथ ट्रांसप्लांट का इंतजार करते हुए जीवित रहते हैं।
  • एक साल: 70%।
  • लंबी अवधि: 1-6 साल।
  • लागत: ₹1.5 करोड़ से ₹2 करोड़ (सर्जरी और डिवाइस सहित)।

2. कृत्रिम घुटना (Artificial Knee): कृत्रिम घुटना, घुटने के जोड़ के एक हिस्से को बदलने की सर्जरी है. इसमें, घुटने के जोड़ के क्षतिग्रस्त हिस्से को हटाकर उसकी जगह कृत्रिम जोड़ लगाया जाता है. कृत्रिम घुटने के जोड़ को प्रोस्थेसिस भी कहा जाता है.

कृत्रिम घुटना (Artificial Knee)
  • उपयोग: घुटने के जोड़ में दर्द और गतिशीलता सुधारने के लिए।
  • सफलता दर: 90-95%।
  • घुटना प्रत्यारोपण के बाद 15-20 साल तक सही काम करता है।
  • लागत: रोबोटिक सर्जरी: ₹3 लाख से ₹6 लाख।
  • भारत में ₹1.5 लाख से ₹3 लाख प्रति घुटना।

3. कृत्रिम कूल्हा (Artificial Hip): कृत्रिम कूल्हा, कूल्हे के जोड़ की बॉल-एंड-सॉकेट क्रिया को नकल करने के लिए बनाया गया एक प्रोस्थेसिस होता है. कूल्हे के जोड़ में घिसाव होने पर, या जब वह अपना काम करना बंद कर दे, तो कृत्रिम कूल्हे का जोड़ लगाया जाता है. इसे टोटल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी के ज़रिए लगाया जाता है.

कृत्रिम कूल्हा (Artificial Hip
  • उपयोग: कूल्हे के जोड़ के दर्द और खराबी के लिए।
  • सफलता दर: 85-90%।
  • कूल्हे का प्रत्यारोपण 15-20 साल तक चलता है।
  • लागत: रोबोटिक सर्जरी: ₹4 लाख से ₹8 लाख।
  • सामान्य सर्जरी: ₹1.5 लाख से ₹4 लाख।

4. कृत्रिम हाथ और पैर (Prosthetic Limbs): कृत्रिम हाथ और पैर, यानी प्रोस्थेसिस, किसी अंग के न होने या उसमें किसी तरह की कमी होने पर उसकी जगह लेने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण होते हैं. ये अंगों के काम को नकल करते हैं और कई बार असली अंग की तरह भी दिखते हैं. कृत्रिम हाथ और पैर, लोगों को दैनिक गतिविधियां करने में मदद करते हैं, जैसे कि चलना, खाने या कपड़े पहनना.

कृत्रिम हाथ और पैर (Prosthetic Limbs)
  • उपयोग: किसी दुर्घटना या बीमारी में हाथ-पैर खोने वाले मरीजों के लिए।
  • सफलता दर: 80-90% मरीज सामान्य जीवन जीने में सक्षम होते हैं।
  • उन्नत तकनीक वाले बायोनिक अंग (Bionic Limbs) में सटीकता और उपयोगिता अधिक होती है।
  • लागत: बायोनिक अंग: ₹5 लाख से ₹50 लाख।
  • सामान्य कृत्रिम अंग: ₹50,000 से ₹1 लाख।

5. कृत्रिम आंख (Artificial Eye): कृत्रिम आँख क्या है? कृत्रिम आँख एक कृत्रिम आँख होती है जिसे उन रोगियों की आँख के सॉकेट में लगाया जाता है जिनकी आँखें निकाल दी गई हों। आँख एक टिकाऊ, उच्च गुणवत्ता वाले ऐक्रेलिक से बनी होती है और यह दो रूपों में आती है: स्टॉक शेल और कस्टम-मेड प्रोस्थेसिस।

कृत्रिम आंख (Artificial Eye
  • उपयोग: दृष्टिहीनता (Blindness) या आंख खोने वाले मरीजों के लिए।
  • सफलता दर: सौंदर्य दृष्टि (Cosmetic Purpose): 100%।
  • बायोनिक आंख (Vision Restoration): 40-60%।
  • लागत:
  • बायोनिक आंख: ₹20 लाख से ₹40 लाख।
  • सामान्य कृत्रिम आंख: ₹20,000 से ₹50,000।

6. कृत्रिम कान (Cochlear Implant): कोक्लीयर इम्प्लांट इलेक्ट्रॉनिक उपकरण हैं जो सुनने की क्षमता को कम करते हैं। वे आपकी सुनने की क्षमता को बहाल नहीं करते हैं, लेकिन वे भाषण को समझने और अन्य ध्वनियों को सुनने की आपकी क्षमता में सुधार कर सकते हैं। कोक्लीयर इम्प्लांट आपके कान में एक नया मार्ग बनाकर काम करते हैं।

कृत्रिम कान (Cochlear Implant)
  • उपयोग: सुनने की क्षमता खोने वाले मरीजों के लिए।
  • सफलता दर: 85-90%।
  • बच्चों और युवा मरीजों में सबसे अच्छे परिणाम।
  • लागत: ₹6 लाख से ₹12 लाख।

7. कृत्रिम दांत (Dental Implants): डेंटल इम्प्लांट्स कृत्रिम दाँत की जड़ें हैं जो बायोकम्पैटिबल सामग्रियों से बनी होती हैं, आमतौर पर टाइटेनियम। इन्हें सर्जरी के ज़रिए जबड़े की हड्डी में लगाया जाता है ताकि प्रतिस्थापन दांतों के लिए एक स्थिर आधार के रूप में काम किया जा सके।

कृत्रिम दांत (Dental Implants)
  • उपयोग: दांत खोने या खराब होने पर।
  • सफलता दर: 95-98%।
  • सही देखभाल के साथ 20-25 साल तक चलते हैं।
  • लागत: ₹15,000 से ₹50,000 प्रति दांत।

8. कृत्रिम त्वचा (Artificial Skin): इंटीग्रा आर्टिफिशियल स्किन ग्लाइकोसामिनोग्लाइकन निशान ऊतक का एक मैट्रिक्स है । कृत्रिम त्वचा को सिलास्टिक की एक शीट से ढका जाता है, जो अवरोधक कार्य प्रदान करता है। जले हुए घाव को जल्दी से जल्दी निकालना चाहिए। कृत्रिम त्वचा को जगह पर रखा जाता है और स्टेपल से सुरक्षित किया जाता है। एक नियोडर्मिस बनने दिया जाता है, फिर सिलास्टिक को हटा दिया जाता है और घाव को बंद करने के लिए एक पतली त्वचा ग्राफ्ट (6/1000 इंच) का उपयोग किया जाता है। इस तरह के पतले ग्राफ्ट के साथ, थोड़ा डर्मिस स्थानांतरित किया जाता है। इस प्रकार दाता साइटों का कई बार उपयोग किया जा सकता है।

कृत्रिम त्वचा (Artificial Skin)
  • उपयोग: जलने या त्वचा क्षति वाले मरीजों के लिए।
  • सफलता दर: 80-85%।
  • लागत: ₹50,000 से ₹3 लाख (क्षेत्र और सामग्री के आधार पर)।

9. कृत्रिम किडनी (Artificial Kidney – Dialysis Machine): जैसे-जैसे चिकित्सा आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे बीमारियों के लिए नए और अभिनव उपचार भी सामने आ रहे हैं। डॉ. शुवो रॉय, एक प्रोफेसर और बायोइंजीनियर, जिन्हें चिकित्सा उपकरण बनाने का अनुभव है, एक ऐसे उपचार पर काम कर रहे हैं जो किडनी की देखभाल के भविष्य में क्रांति ला सकता है: किडनी प्रोजेक्ट की प्रत्यारोपित कृत्रिम किडनी।

कृत्रिम किडनी (Artificial Kidney - Dialysis Machine)
  • उपयोग: गुर्दे की विफलता (Kidney Failure) वाले मरीजों के लिए
  • सफलता दर: डायलिसिस: जीवनकाल बढ़ाने में 50-60%।
  • कृत्रिम किडनी प्रत्यारोपण: 85-90%।
  • लागत: किडनी प्रत्यारोपण: ₹5 लाख से ₹10 लाख।
  • डायलिसिस: ₹2,000 से ₹5,000 प्रति सत्र।

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