जयपुर में LPG ट्रक और CNG टैंकर की भीषण टक्कर से ब्लास्ट 14 लोग की मौत.

Jaipur CNG Tanker Blast: जयपुर अग्निकांड में अब तक मरने वालों की संख्या 14 हो गई है। वहीं हादसे में करीब 35 लोग झुलस गए हैं। 40 से अधिक वाहन जल चुके हैं। एक स्लीपर बस भी आग की चपेट में आई है।

जयपुर में LPG ट्रक और CNG टैंकर की भीषण टक्कर.

जयपुर में एलपीजी टैंकर ब्लास्ट के हादसे में शनिवार को दो और मौत हुई हैं। अब हादसे में मरने वालों की संख्या 14 हो गई है। शुक्रवार को जयपुर के अजमेर रोड पर हुए एक्सीडेंट में 5 लोग मौके पर ही जिंदा जल गए थे। वहीं 7 लोगों ने सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में इलाज के दौरान दम तोड़ा था।

जयपुर-अजमेर राजमार्ग पर हाल ही में हुए एलपीजी ट्रक और सीएनजी टैंकर की टक्कर से हुए भीषण विस्फोट में मरने वालों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है। इस हादसे में 30 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों का इलाज सवाई मान सिंह अस्पताल में जारी है। यह दुर्घटना भांकरोटा इलाके में शुक्रवार तड़के हुई थी, जिसमें आग ने 35 से अधिक वाहनों को अपनी चपेट में ले लिया था।

घटना का विवरण

  1. स्थान और समय: यह दुर्घटना जयपुर-अजमेर हाईवे पर हुई, जो कि एक व्यस्त मार्ग है। घटना रात के समय की बताई जा रही है, जब ट्रक और टैंकर आमने-सामने टकरा गए।
  2. विस्फोट का कारण: टक्कर के कारण दोनों वाहनों में आग लग गई। दोनों ही वाहनों में ज्वलनशील गैसें (LPG और CNG) भरी हुई थीं, जिससे यह आग एक बड़े विस्फोट में बदल गई।
  3. विस्फोट की तीव्रता: विस्फोट इतना भयंकर था कि इसकी आवाज कई किलोमीटर तक सुनी गई। घटनास्थल पर मौजूद कुछ वाहनों को भी नुकसान हुआ और आसपास के क्षेत्र में खिड़कियां तक टूट गईं।

हताहत और नुकसान

  1. मानव हानि: शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हादसे में कई लोग घायल हुए हैं, और कुछ की मौत की भी आशंका है। हालांकि, मृतकों और घायलों की सही संख्या की पुष्टि स्थानीय प्रशासन द्वारा की जा रही है।
  2. संपत्ति का नुकसान: विस्फोट के कारण सड़क पर मौजूद अन्य वाहनों और आसपास के ढांचों को भी भारी नुकसान हुआ। घटना स्थल पर आग पर काबू पाने के लिए दमकल की गाड़ियां लगाई गईं।

राहत और बचाव कार्य

  1. दमकल और पुलिस टीम: घटना की जानकारी मिलते ही दमकल विभाग और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची। आग पर काबू पाने में कई घंटे लगे।
  2. इलाके की घेराबंदी: हाईवे के उस हिस्से को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। यातायात को वैकल्पिक मार्गों की ओर मोड़ा गया है।
  3. मेडिकल सहायता: घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और उनकी चिकित्सा जारी है।

सुरक्षा उपाय

  • इस घटना ने हाईवे पर ज्वलनशील गैसों का परिवहन करने वाले वाहनों की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं।
  • विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे वाहनों के लिए अलग-अलग समय और मार्ग निर्धारित किए जाने चाहिए ताकि इस प्रकार की दुर्घटनाओं को टाला जा सके।

निष्कर्ष

यह घटना एक बड़ी त्रासदी है, जिसने कई परिवारों को प्रभावित किया है। स्थानीय प्रशासन मामले की जांच कर रहा है और यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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  • हादसे के बाद का पूरा घटनाक्रम
  • मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने घटना पर दुख व्यक्त किया। राजस्थान सरकार ने मृतकों के परिवार को पांच लाख रुपये और घायलों को एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का एलान किया।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जयपुर अग्निकांड के पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिवार को दो लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये के मुआवजे की घोषणा की।
  • जयपुर हादसे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी दुख व्यक्त किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जयपुर में हुआ सड़क हादसा अत्यंत दुःखद है। इस हादसे में जीवन गंवाने वाले लोगों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा से बात की है। स्थानीय प्रशासन घायलों को तुरंत इलाज मुहैया करवाने में जुटा है। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।
  • “जयपुर पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया। लोग 9166347551, 8764868431 और 7300363636 नंबरों पर कॉल करके पीड़ितों के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
  • राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खिमसर ने एसएमएस अस्पताल का दौरा किया। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि अस्पताल लाए गए घायलों में लगभग आधों की हालत गंभीर है। दुर्घटनास्थल से एसएमएस अस्पताल तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है।
  • घटना के घंटों बाद भी लोगों को घुटन महसूस हो रही है। घटनास्थल के करीब बड़ी संख्या में पक्षी भी जल गए हैं। आग की चपेट में आए लोग बदहवास होकर भागते दिखे। कई पीड़ितों को आग से जल रहे कपड़े तक उतारने का मौका नहीं मिला। घटनास्थल के आसपास बर्बादी का मंजर पूरी कहानी बयां कर रहा है।

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